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लेखनी प्रतियोगिता -23-Aug-2023 प्रिय मेंहदी प्रीत सजाती

कुकुभ छंद (प्रिय मेंहदी प्रीत सजाती)
प्रिय मेंहदी प्रीत सजाती, हाथों में नाम लिखाती।
रचे रंग जब प्रियतम गहरा, प्रमुदित होता मन मेरा।।

 पिया श्रृंगार तुझे बुलाता, हृदय प्रेम की है चाहा।
मंजुल कुसमित हिय में खिलती,सुना रही अब मन गाहा।।
कंठ मुझे तुम आज लगाना, मैं सपने यही सजाती।
सजन मेंहदी प्रीत सजाती, हाथों में नाम लिखाती।।

मधुर मिलन के गीत सॅंजोती, लेता है मन ॲंगड़ाई।
सोये सपने अटखेली ले, जाग गई नव तरुणाई।।
हाथों की लाली अब महके, ये सुगंध मन बहकाती।
सजन मेंहदी प्रीत सजाती, हाथों में नाम लिखाती।।

मेरे हृद पट को छू जाती,जब लज्जा से शरमाती।
अधर पंखुड़ी खिलने लगती, प्रेम लताऍं बलखाती।।
नाम कहाॅं है सजन बताना, मैं अपना हाथ दिखाती।
सजन मेंहदी प्रीत सजाती, हाथों में नाम लिखाती।।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया

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3 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Reena yadav

24-Aug-2023 06:22 AM

👍👍

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Abhinav ji

23-Aug-2023 11:42 PM

Very nice 👍

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